-
- लक्ष्य
- मुख्य बिंदु
लाभार्थी कार्ड के लाभ :::::::::::::::::::::::::::::
1. प्रधानमंत्री सुकन्या समृद्धि योजना
2.प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
3.प्रधानमंत्री जन धन योजना
4.प्रधानमंत्री आवास योजना
5.प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना
6.आयुष्मान भारत
7.सांसद आदर्श ग्राम योजना
8.प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
9.प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना
10.अटल पेंशन योजना
11.प्रधान मंत्री नेशनल नुट्रिशन मिशन / राष्ट्रीय पोषण मिशन
12.प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना
13.प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनाएं
14.प्राइम मिनिस्टर इम्प्लॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम
15.प्राइम मिनिस्टर रिसर्च फेलोशिप स्कीम
16.ऑपरेशन ग्रीन्स मिशन
17.सोलर चरखा स्कीम
18.प्रधानमंत्री जन औषधि योजना
19.प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना
20.स्त्री स्वाभिमान
21.साइबर सुरक्षित भारत प्रोग्राम
22.जीएसटी ई-वे बिल
23.कुसुम स्कीम
24.गोबर धन स्कीम
25.नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम
26.उजाला स्कीम
27.खेलो इंडिया स्कूल गेम्स २०१८
28.सोशल सिक्योरिटी स्कीम
29.स्कीम फॉर एडोलसेंट गर्ल्स (साबला)
30.फेम इंडिया स्कीम
31.मार्केट एश्योरेंस स्कीम
32.अटल भूजल योजना
33.कंडोनेशन ऑफ डिले स्कीम
34.सृष्टि स्कीम
35.लिवेबिलिटी इंडेक्स प्रोग्राम
36.मेक इन इंडिया
37.स्वच्छ भारत अभियान
38.किसान विकास पत्र
39.सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम
40.डिजिटल इंडिया
41.स्किल इंडिया
42.बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना
43.मिशन इन्द्रधनुष
44.नेशनल बायोफ्यूल पॉलिसी 2018
45.दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
46.दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना
47.पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते योजना
48.अटल मिशन फॉर रेजुवेनशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत योजना)
49.स्वदेश दर्शन योजना
50.प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना
51.पिल्ग्रिमेज रेजुवेनशन एंड स्पिरिचुअल ऑग्मेंटेशन ड्राइव (प्रसाद योजना)
52.नेशनल हेरिटेज सिटी डेवलपमेंट एंड ऑग्मेंटेशन योजना (ह्रदय योजना)
53.स्मार्ट सिटी मिशन
54.गोल्ड मोनेटाईजेशन स्कीम
55.स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया
56.डिजिलॉकर
57.इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम
58.उड़ान स्कीम
59.नेशनल बाल स्वछता मिशन
60.वन रैंक वन पेंशन (OROP) स्कीम
61.श्यामा प्रसाद मुखेर्जी रुर्बन मिशन
62.ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर स्कीम
63.राइज स्कीम
64.सागरमाला प्रोजेक्ट
65.‘प्रकाश पथ’ – ‘वे टू लाइट’
66.उज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना
67.विकल्प स्कीम
68.नेशनल स्पोर्ट्स टैलेंट सर्च स्कीम
69.राष्ट्रीय गोकुल मिशन
70.पहल – डायरेक्ट बेनिफिट्स ट्रांसफर फॉर LPG (DBTL) कंज्यूमर्स स्कीम
71.नेशनल इंस्टीटूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (नीति आयोग)
72.प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना
73.नमामि गंगे प्रोजेक्ट
74.सेतु भारतं प्रोजेक्ट
75.रियल एस्टेट बिल
76.आधार लिंकिंग
77.क्लीन माय कोच
78.राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान – Proposed
79.प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
80.प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (इंदिरा आवास योजना का बदला हुआ नाम)
81.उन्नत भारत अभियान
82.टीबी मिशन 2020
83.धनलक्ष्मी योजना
84.नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम
85.गंगाजल डिलीवरी स्कीम
86.प्रधान मंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान
87.विद्यांजलि योजना
88.स्टैंड अप इंडिया लोन स्कीम
89.ग्राम उदय से भारत उदय अभियान
90.सामाजिक अधिकारिता शिविर
91.रेलवे यात्री बीमा योजना
92.स्मार्ट गंगा सिटी
93.मिशन भागीरथ (तेलंगाना में)
94.विद्यालक्ष्मी लोन स्कीम
95.स्वयं प्रभा
96.प्रधान मंत्री सुरक्षित सड़क योजना (आने वाली योजना)
97.शाला अश्मिता योजना (आने वाली योजना)
98.प्रधानमंत्री ग्राम परिवहन योजना (आने वाली योजना)
99.राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा अभियान – National Health Protection Mission (आने वाली योजना)
100.राईट टू लाइट स्कीम (आने वाली योजना)
101.राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव
102.डिजिटल ग्राम – (आने वाली योजना)
103.ऊर्जा गंगा
104.सौर सुजाला योजना
105.एक भारत श्रेष्ठ भारत
106.शहरी हरित परिवहन योजना (GUTS)
107.500 और 1000 के नोट बंद
108.प्रधान मंत्री युवा योजना
109.भारत नेशनल कार असेसमेंट प्रोग्राम (NCAP)
110.अमृत OR AMRIT (अफोर्डेबल मेडिसिन एंड रिलाएबल इम्प्लांट्स फॉर ट्रीटमेंट)
111.राष्ट्रीय आदिवासी उत्सव
112.प्रवासी कौशल विकास योजना
113.प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना
114.गर्भवती महिलाओं के लिए आर्थिक सहायता योजना / प्रधान मंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान
115.वरिष्ठ नागरिकों के लिए Fixed Deposit स्कीम – वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना 2017
116.प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान
117.यूनिवर्सल बेसिक इनकम स्कीम – विचाराधीन
118.जन धन खाता धारकों के लिए बीमा योजना
119.महिला उद्यमियों के लिए स्टार्ट-अप इंडिया योजना
120.मछुआरों के लिए मुद्रा लोन योजना
121.ग्रीन अर्बन मोबिलिटी स्कीम
122.राष्ट्रीय वयोश्री योजना
123.MIG के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना लोन स्कीम (PMAY)
124.व्यापारियों के लिए भीम आधार एप
125.भीम रेफेरल बोनस स्कीम और कैशबैक स्कीम
126.शत्रु सम्पति कानून
127.ट्रिपल तलाक कानून
128.पॉवेरटेक्स इंडिया स्कीम
129.भारत के वीर पोर्टल
130.खाद्य संसाधन उद्योग के लिए सम्पदा योजना
131.विदेश में काम करने वाले भारतीय मूल के वैज्ञानिकों के लिए वज्रा योजना
132.प्रधानमंत्री वय वंदन योजना
133.प्रधानमंत्री ग्राम परिवहन योजना
134.मुस्लिम लड़कियों के लिए शादी शगुन योजना
135.संकल्प से सिद्धि
136.प्रधान मंत्री सहज बिजली हर घर योजना
137.पॉवरलूम (विद्युत से चलने वाला करघा) उद्योग के लिए सौर ऊर्जा योजना
138.राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान
139.राइज योजना – सभी सरकारों उच्च शिक्षा संस्थानों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए योजना
140.नार्थ ईस्ट स्पेशल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम (NESIDS)
141.नमो योजना केंद्र योजना – सेवा/सहायता केंद्र
142.स्कीम फॉर कैपेसिटी बिल्डिंग इन टेक्सटाइल सेक्टर – स्किल डेवलपमेंट
143.कृषि में मशीनरी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए योजना
144.गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पोषण मिशन
145.प्राइम मिनिस्टर रिसर्च फेलोशिप स्कीम
146.प्रधानमंत्री रोजगार निर्माण कार्यक्रम (PMEGP)
147.आयुष्मान भारत योजना – राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण मिशन और स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र
148स्त्री स्वाभिमान योजना
149.क्रेडिट गारंटी फण्ड फॉर एजुकेशन लोन (CGFEL) & सेंट्रल सेक्टर इंटरेस्ट सब्सिडी (CSIS) स्कीम
150.प्रधान मंत्री महिला शक्ति केंद्र (PMMSK) योजना
151.ड्राइवर्स के लिए ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर योजना
152.GST E-Way Bill
153.ग्रैच्युटी भुगतान के लिए संशोधित बिल 2018
154.जैविक खेती पोर्टल
155.महिला उद्यमिता मंच
लाभार्थी कार्ड की आवश्यकता :::::::::::::::::::::::::::::::2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, भारत में बाल मजदूरों की संख्या 1.01 करोड़ है जिसमें 56 लाख लड़के और 45 लाख लड़कियां हैं। दुनिया भर में कुल मिलाकर 15.20 करोड़ बच्चे – 6.4 करोड़ लड़कियां और 8.8 करोड़ लड़के बाल मजदूर होने का अनुमान लगाया गया है अर्थात दुनिया भर में प्रत्येक 10 बच्चों में से एक बच्चा बाल मजदूर है। पिछले कुछ सालों से बाल श्रमिकों की दर में कमी आई है। इसके बावजूद बच्चों को कुछ कठिन कार्यों में अभी भी लगाया जा रहा है, जैसे बंधुआ मजदूरी, बाल सैनिक (चाइल्ड सोल्जर) और देह व्यापार। भारत में विभिन्न उद्योगों में बाल मजदूरों को काम करते हुए देखा जा सकता है, जैसे ईंट भट्टों पर काम करना, गलीचा बुनना, कपड़े तैयार करना, घरेलू कामकाज, खानपान सेवाएं (जैसे चाय की दुकान पर) खेतीबाड़ी, मछली पालन और खानों में काम करना आदि। इसके अलावा बच्चों का और भी कई तरह के शोषण का शिकार होने का खतरा बना रहता है जिसमें यौन उत्पीड़न तथा ऑनलाइन एवं अन्य चाइल्ड पोर्नोग्राफी शामिल है। बाल मजदूरी और शोषण के अनेक कारण हैं जिनमें गरीबी, सामाजिक मापदंड, वयस्कों तथा किशोरों के लिए अच्छे कार्य करने के अवसरों की कमी, प्रवास और इमरजेंसी शामिल हैं। ये सब वज़हें सिर्फ कारण नहीं बल्कि भेदभाव से पैदा होने वाली सामाजिक असमानताओं के परिणाम हैं। बच्चों का काम स्कूल जाना है न कि मजदूरी करना। बाल मजदूरी बच्चों से स्कूल जाने का अधिकार छीन लेती है और वे पीढ़ी दर पीढ़ी गरीबी के चक्रव्यूह से बाहर नहीं निकल पाते हैं । बाल मजदूरी शिक्षा में बहुत बड़ी रुकावट है, जिससे बच्चों के स्कूल जाने में उनकी उपस्थिति और प्रदर्शन पर खराब प्रभाव पड़ता है। बाल मजदूरी तथा शोषण की निरंतर मौजूदगी से देश की अर्थव्यवस्था को खतरा होता है और इसके बच्चों पर गंभीर अल्पकालीन और दीर्घकालीन दुष्परिणाम होते हैं जैसे शिक्षा से वंचित हो जाना और उनका शारीरिक व मानसिक विकास ना होने देना। बाल तस्करी भी बाल मजदूरी से ही जुड़ी है जिसमें हमेशा ही बच्चों का शोषण होता है। ऐसे बच्चों को शारीरिक, मानसिक, यौन तथा भावनात्मक सभी प्रकार के उत्पीड़न सहने पड़ते हैं जैसे बच्चों को वेश्यावृति की ओर जबरदस्ती धकेला जाता है, शादी के लिए मजबूर किया जाता है या गैर-कानूनी तरीके से गोद लिया जाता है, इनसे कम और बिना पैसे के मजदूरी कराना, घरों में नौकर या भिखारी बनाने पर मजबूर किया जाता है और यहां तक कि इनके हाथों में हथियार भी थमा दिए जाते हैं। बाल तस्करी बच्चों के लिए हिंसा, यौन उत्पीड़न तथा एच आई वी संक्रमण (इंफेक्शन) का खतरा पैदा करती है। बाल मजदूरी तथा शोषण एकीकृत दृष्टिकोण के माध्यम से रोके जा सकते हैं जो बाल सुरक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाने के साथ-साथ गरीबी तथा असमानता जैसे मुद्दों, गुणात्मक शिक्षा के बेहतर अवसरों, और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए जन सहयोग जुटाने में मदद करते हैं। अध्यापक तथा शिक्षा व्यवसाय से जुड़े अन्य लोग भी बच्चों के हितों की रक्षा के लिए आगे आ सकते हैं और सामाजिक कार्यकर्ताओं जैसे समाज के हितधारकों को बच्चों की उस दयनीय स्थिति से अवगत करा सकते हैं जहां बच्चों में निराशा के साथ-साथ देर तक काम करने के संकेत दिखाई देते हैं। बच्चो को काम से बाहर निकाल कर उन्हें स्कूल भेजने के लिए शोषित परिवारों को जागरूक करने के लिए सरकारी नीतियों में व्यापक बदलाव करने की जरूरत है। यूनीसेफ, सरकार तथा निजी एंजेसियों के साथ मिलकर बाल मजदूरी समाप्त करने के लिए आवश्यक नीतियां तैयार करता है। यूनिसेफ बाल मजदूरी को जन्म देने वाली उन व्यावसायिक पद्धतियों व उनकी सप्लाई चैन के विकल्प खोजने के लिए काम करता है। यूनिसेफ़ कर्ज़ के अधीन व बंधुआ मजदूरी को खत्म करने में सहायता करने के लिए परिवारों के साथ मिलकर काम करता है । यूनीसेफ उन कार्यक्रमों के एकीकरण के लिए राज्य सरकारों को सहयोग देता है जिनसे बाल मजदूरी समाप्त हो सकती है। हम बाल मजदूरी की सांस्कृतिक स्वीकृति को बदलने में समुदायों को भी सहयोग देते हैं, वहीं दूसरी ओर परिवारों को वैकल्पिक आमदनी, प्री स्कूल, गुणात्मक शिक्षा तथा संरक्षण सेवाओं की पहुंच का भी ध्यान रखते हैं। बाल मजदूरी समाप्त करने में बच्चों की बात सुनना सफलता के लिए बेहद जरूरी है। बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र अधिवेशन का एक प्रमुख संदेश यह है कि बच्चों के पास उन्हें प्रभावित करने वाले मामलों पर अपने विचार रखने और उन्हें सुने जाने का अधिकार है । बाल मजदूरी रोकने तथा उसके प्रत्युततर में बच्चों की अहम भूमिका होती है। बाल संरक्षण में वे प्रमुख कारक होते हैं और बहुमूल्य जानकारी दे सकते हैं कि उनकी क्या भागीदारी होनी चाहिए और उन्हें सरकार तथा समाज सुधारकों से क्या अपेक्षाएं हो सकती हैं।.
- Our Notice
लाभार्थी कार्डधारी मजदूरों के बच्चो को शिक्षा में लाभ
कम आय वर्ग के लोगो को दी जाने वाली सभी सुविधांए ।
१. सम्बंधित उच्च शैक्षणिक संस्थानों में सिर्फ सरकारी फीस पर प्रवेश ।
२. सभी उत्तीर्ण एवं योग्य आवेदकों को नौकरी प्रदान करना ।
३. विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रम जैसे B.Tech, Polytechnic,BBA, MBA,B.Sc Nursing , B.Pharma, D.Pharma etc में सरकारी फीस पर प्रवेश ।
.
आवेदन की तिथि 7 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक है
परिणाम 4 November को आएगा तथा कॉउंसलिंग 5 November से 20 November 2021 तक होगा ।
इस वर्ष सभी लाभार्थियों के बच्चे जो 60% से ज्यादा अंक अर्जित किये है वो सीधे तौर पर उच्चा शिक्षा के लिए पत्र माने जायेंगे और अंततः मेधा सूचि के आधार पर प्रवेश के लिए पात्र माने जायेंगे
लाभार्थी कार्डधारी को नौकरी एवं व्यवसाय सम्बन्ध में I
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम और अन्य क्रेडिट सहायता योजनाओं
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी)
प्रदर्शन और क्रेडिट रेटिंग योजना
सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फंड (सीजीटीएमएसई)
ब्याज सब्सिडी पात्रता प्रमाणपत्र (आईएसईसी)
खादी, गांव और कॉयर उद्योगों के विकास
विज्ञान और प्रौद्योगिकी योजना
बाजार संवर्धन एवं विकास योजना (MPDA)
पारंपरिक उद्योग के उत्थान के लिए फंड का पुर्नोत्थान योजना (स्फूर्ति
कॉयर उद्यमी योजना (CUY)
कॉयर विकास योजना (CVY)
कौशल उन्नयन और महिला कॉयर योजना (MCY)
उत्पादन अवसंरचना का विकास (डीपीआई)
घरेलू बाजार संवर्धन योजना
निर्यात बाजार प्रमोशन
व्यापार और उद्योग संबंधित कार्यात्मक समर्थन सेवा (TIRFSS)
अभिनव, ग्रामीण उद्योग और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक योजना (ASPIRE)
राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धा कार्यक्रम (एनएमसीपी)
प्रौद्योगिकी उन्नयन के लिए क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी
मार्केटिंग समर्थन / एमएसएमई को सहायता (बार कोड)
इन्क्यूबेटरों के माध्यम से एसएमई के उद्यमी और प्रबंधकीय विकास
विनिर्माण क्षेत्र को सक्षम करने सबंधी और QTT के माध्यम से प्रतिस्पर्धात्मक होने की
पर बौद्धिक संपदा अधिकार बिल्डिंग जागरूकता (आईपीआर)
एमएसएमई के लिए लीन विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता
एमएसएमई के लिए डिजाइन विशेषज्ञता के लिए डिजाइन क्लिनिक
एमएसएमई के लिए तकनीक और गुणवत्ता उन्नयन का समर्थन
विपणन प्रोत्साहन योजनाएं
अंतरराष्ट्रीय सहयोग
विपणन सहायता योजना
विपणन सहायता एवं प्रौद्योगिकी उन्नयन (MATU)
एमएसएमई बाजार विकास सहायता (एमडीए)
उद्यमिता एवं कौशल विकास कार्यक्रम
प्रशिक्षण संस्थानों को सहायता (अति)
बुनियादी ढांचा विकास कार्यक्रम
सूक्ष्म एवं लघु उद्यम क्लस्टर विकास (एमएसई-सीडीपी)
औज़ारों का कमरा
राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम की योजनाएं
ज़िला उद्योग केंद्र ने छोटे उद्योगों के साथ मिलकर काम करके ग्रामीण कारीगरों को बढ़ावा देने में मदद की है। उन्होंने खादी और ग्रामोद्योग के विकास के लिए भी काम किया है और ग्रामीण कारीगरों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं। ज़िला उद्योग केंद्र के अस्तित्व से पहले, व्यापार मालिकों और उद्यमियों को उचित आर्थिक सहायता और सुविधाएं प्राप्त करने के लिए व्यक्तिगत रूप से संबंधित एजेंसियों की मदद लेनी पड़ती थी। आजकल उद्यमियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकार द्वारा ज़िला उद्योग केंद्र को उपयुक्त सेवाएं और सुविधाएँ दी जाती हैं।
Helpling point: care@aieee-gov.co.in
- निर्देश
नोटिस.
.After registration applicant should wait for atleast 24 hours to login in applicant portal in some cases it may take max 72 hours also
- आवेदक पोर्टल
- अधिकारी पोर्टल
केंद्र एवं राज्य की मुख्य योजनाए